रीड की हड्डी के नीचे नस दब जाए तो क्या करें ?
रीढ़ की हड्डी के नीचे नस दबने की समस्या, जिसे आमतौर पर “हर्निएटेड डिस्क” या “सियाटिका” के नाम से भी जाना जाता है, एक गंभीर चिकित्सा स्थिति हो सकती है। जब रीढ़ की हड्डी के किसी हिस्से में डिस्क या हड्डियों में कोई समस्या होती है, तो उससे नसों पर दबाव पड़ सकता है, जिससे कमर, पैर, या कभी-कभी हाथों में दर्द, सुन्नपन, झनझनाहट, और कमजोरी जैसे लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं। इस स्थिति का सही और समय पर उपचार अत्यंत महत्वपूर्ण है।
यदि आपको यह लक्षण दिखाई दे रहे हैं, तो सबसे पहले स्पाइन सर्जन , Dr. Shrikant Dalal से परामर्श लेना चाहिए। स्पाइन सर्जन इस प्रकार की समस्याओं में विशेषज्ञ होते हैं और वे आपके लिए सही निदान और उपचार की योजना बना सकते हैं। प्रारंभिक जांच के लिए सर्जन आपकी मेडिकल हिस्ट्री को देखेंगे, फिजिकल एग्जाम करेंगे, और आवश्यकतानुसार MRI या CT स्कैन जैसे इमेजिंग टेस्ट की सलाह दे सकते हैं, जिससे समस्या का सही कारण पता चल सके।
उपचार के विकल्प
दवाइयाँ और आराम: नस दबने की समस्या में दर्द से राहत के लिए डॉक्टर सामान्यत: दर्द निवारक दवाएं, मांसपेशियों को आराम देने वाली दवाएं और सूजन कम करने वाली दवाएं लिख सकते हैं। इस दौरान आराम करना भी बहुत जरूरी होता है, ताकि रीढ़ पर अनावश्यक दबाव न पड़े।
फिजियोथेरेपी: स्पाइन सर्जन अक्सर फिजियोथेरेपी की सलाह देते हैं। इससे रीढ़ की मांसपेशियों को मजबूत करने और लचीलेपन को बढ़ाने में मदद मिलती है। इसके अलावा, यह आगे चलकर नस दबने की समस्या से बचाव में सहायक हो सकता है।
इंजेक्शन थैरेपी: कुछ मामलों में, डॉक्टर सूजन और दर्द को कम करने के लिए नस के पास स्टेरॉयड इंजेक्शन की सलाह दे सकते हैं। यह तुरंत राहत प्रदान कर सकता है, खासकर तब जब दर्द असहनीय हो रहा हो।
स्पाइन सर्जरी: अगर दवाओं और फिजियोथेरेपी से समस्या में सुधार नहीं हो रहा है, तो स्पाइन सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है। स्पाइन सर्जन आमतौर पर “माइक्रोडिस्केक्टॉमी” या “लैमिनेक्टॉमी” जैसी प्रक्रियाओं का सुझाव देते हैं, जिनमें नस से दबाव हटाया जाता है और समस्या वाली डिस्क या हड्डी के हिस्से को ठीक किया जाता है। सर्जरी से नस को राहत मिलती है और लंबे समय तक दर्द से छुटकारा पाया जा सकता है।
स्पाइन सर्जरी की जरूरत कब पड़ सकती है?
जब दर्द लंबे समय तक बना रहे और अन्य उपचार कारगर न हों।
जब पैरों या हाथों में कमजोरी या सुन्नपन बढ़ने लगे।
जब मूत्र या मल त्याग पर नियंत्रण में समस्या होने लगे (कौडा इक्विना सिंड्रोम जैसी स्थिति)।
जब MRI या अन्य इमेजिंग में यह स्पष्ट हो जाए कि नसों पर गंभीर दबाव है।
स्पाइन सर्जरी के लाभ
नसों से दबाव हटने के कारण दर्द और सुन्नपन में काफी सुधार होता है।
मरीज की सामान्य दिनचर्या और चलने-फिरने की क्षमता वापस आती है।
रीढ़ की संरचना में स्थायित्व आता है, जिससे भविष्य में इस प्रकार की समस्याओं की संभावना कम होती है।
इसलिए, यदि आपको रीढ़ की हड्डी के नीचे नस दबने की समस्या का सामना करना पड़ रहा है, तो जल्द से जल्द स्पाइन सर्जन से संपर्क करें। सही निदान और उपचार से आप जल्दी स्वस्थ हो सकते हैं और गंभीर जटिलताओं से बच सकते हैं।
रीड की हड्डी के नीचे नस दब जाए तो क्या करें ?
यदि रीढ़ की हड्डी के नीचे की नस दब जाए तो घरेलू उपचार सहित विभिन्न प्रकार के उपचार किए जा सकते हैं और डॉक्टर की सलाह से आगे का उपचार किया जा सकता है। नीचे कुछ घरेलू उपचार और जीवनशैली में बदलाव दिए गए हैं जिन्हें आप चाहे तो अपना सकते हैं:
बर्फ या गर्म पानी की थैली लगाएं :
दिन में कुछ बार पंद्रह से बीस मिनट तक बर्फ या गर्म पानी की थैली लगाने से दर्द कम करने में मदद मिल सकती है, लेकिन अगर हाल ही में पीठ के निचले हिस्से में चोट लगी है, तो 48 घंटों तक गर्मी लगाने से बचें।
सोने की स्थिति बदलना:
यदि आप गलत स्थिति में सोते हैं, तो तंत्रिका दर्द के लक्षण खराब हो सकते हैं, इसलिए दर्द को कम करने के लिए सबसे अच्छी नींद की स्थिति के बारे में अपने डॉक्टर से बात करना महत्वपूर्ण है।
ऍक्टिव्हिटी में बदलाव लाए –
दिन मे कुछ गलत ऍक्टिव्हिटीज के कारण रीड की हड्डी के नीचे नस दब सकती है या दबी हुई नस को ज्यादा तकलीफ हो सकती है इसलिये डॉक्टर के सुझाव से कुछ गलत ऍक्टिव्हिटी मे बदलाव लाना जरुरी है ।
योगा और व्यायाम –
यदि रीड की हड्डी के नीचे नस दब जाए तो इसके लिये डॉक्टर की मदत से योग्य तरह के व्यायाम और योगा करना जरुरी है इससे यह समस्या दूर हो सकती है ।
यदि रीढ़ की हड्डी के नीचे की नस दब गई हो तो उपरोक्त उपायों के साथ-साथ कुछ आयुर्वेदिक घरेलू उपचार भी इस प्रकार किए जा सकते हैं:
मेथी दानों का लेप –
मेथी के दानों को रात भर भिगोने के बाद सुबह मेथी के दानों का पेस्ट बनाकर उस जगह पर लगाएं और उसके ऊपर दो से तीन घंटे के लिए सूती कपड़ा बांध दें और फिर उस कपड़े को हटा दें। यह उपाय दर्द को कम करने में मदद कर सकता है।
चुकंदर का जूस पियें –
रक्त संचार ठीक से न होने के कारण नस दब सकती है और ऐसे समय में अगर चुकंदर का जूस का सेवन किया जाए तो रक्त संचार बेहतर होगा और दबी हुई नस फिर से सामान्य होने की संभावना है।
पान का पत्ता और चुना का प्रयोग –
पान के पत्ते को हल्का गर्म करके उस पर थोड़ा सा चूना लगा लें और इस पत्ते को प्रभावित नस पर पट्टी की तरह कुछ देर तक लगाकर रखें। कुछ देर बाद इस पत्ते को अलग रख दें। यह उपाय दबी हुई नस के कारण होने वाले दर्द से राहत दिलाने में मदद कर सकता है।
यूं तो रीढ़ की हड्डी के नीचे की नस दबने पर कई आयुर्वेदिक उपचार भी मदद कर सकते हैं, लेकिन हर आयुर्वेदिक उपचार हर व्यक्ति को सूट नहीं करेगा और इसलिए अगर आपको भी ऐसी समस्या है तो आप ऑर्थोस सेंटर, पुणे ( Orthos Centre ) से संपर्क कर सकते हैं।अधिक जानकारी आप आधिकारिक वेबसाइट से जान सकते हैं।